दिनांक: 7 सितम्बर 2024
हिसार: हरियाणा के मजदूर, किसान आगामी विधान सभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएंगे। उसे सत्ता से बेदखल करने में कसर नहीं छोड़ेंगे।

यह संकल्प संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय मजदूर संगठनों की संयुक्त किसान-मजदूर महापंचायत में लिया गया। प्रदेश भर से पहुंचे हजारों मजदूरों किसानों ने तय किया कि 17 सितम्बर को प्रदेश के तमाम गावों में भाजपा को हराने के लिए मजदूर किसान पंचायत आयोजित कर भाजपा हराने का संकल्प अभियान शुरू किया जाएगा। 28 सितम्बर शहीद ए आजम भगत सिंह जयंती को कारपोरेटस और साम्राज्यवाद विरोधी दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन सेमिनार, गोष्ठी करते हुए शाम को मशाल जुलूस निकाले जाएंगे। महापंचायत ने प्रदेश में गौरक्षा के नाम पर गुंडो द्वारा अल्पसंख्यकों और आम लोगो पर हमले और हत्यारी मुहिम करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

हिसार की अनाज मंडी में आयोजित इस पंचायत की अध्यक्षता हरियाणा प्रदेश के किसान ,मजदूर, कर्मचारी संगठनों के संयुक्त अध्यक्षमंडल ने की। महापंचायत को संयुक्त किसान मोर्चा व मजदूर संगठनों के राष्ट्रीय नेता जोगेंद्र सिंह उग्राह, पी कृष्णा प्रसाद, मजदूर संगठन सीटू की ए आर सिंधु, राजन किशोर सागर आदि ने भी संबोधित किया।  तमाम वक्ताओं ने कहा कि पिछले 5 साल से भाजपा की किसानों और मजदूरों पर जो भयंकर दमन किया है वह पूरे देश और दुनिया ने देखा है। कोविड महामारी के दौरान जब देश में नागरिक बिना दवाइयों और इलाज के मारे जा रहे थे। उसी समय किसानी और खेती को बर्बाद करने के लिए तीन कृषि कानून पारित किए गए। मजदूरों को गुलाम बनाने के लिए चार लेबर कोड्स पास किए किए गए। यही नहीं भाजपा ने देश प्रदेश के सार्वजनिक क्षेत्र और सरकारी विभागों को तबाह किया है और उन्हें बड़े बड़े कारपोरेट घरानों को सौंपे हैं।  देश की आजादी के बाद पहली बार बेरोजगारी अपने ऊंचे शिखर पर है। आम आदमी की रोजी -रोटी पर पर बड़े हमले किए गए हैं।

भाजपा की हरियाणा सरकार की नीतियां भी इसी दिशा में रही हैं। यही नहीं भाजपा ने जायज आंदोलनो पर दमन के सबसे बड़े रिकार्ड बनाएं हैं। किसान आंदोलन, मजदूर आंदोलन , कर्मचारी आंदोलन पर भयंकर दमन की कार्यवाही सबने देखी है। आंगनवाड़ी, आशा कर्मियों, कर्मचारियों, शिक्षकों, यहां तक कि गांव के सरपंचों को भी नहीं बक्शा गया। किसान आंदोलन पर जो दमन किया गया उसमे 750 से ज्यादा किसान शहीद हुए हैं। इस दमन को नहीं भुलाया जा सकता। हरियाणा की जनता को महीनों तक बंधक बनाकर रखा गया है। किसानों के लिए सभी फसलों पर एमएसपी पर खरीद की कानूनी गारंटी, कर्जा मुक्ति, मजदूरों के लिए 26000 रूपये न्यूनतम वेतन, स्थाई नौकरी की भर्ती, स्कीम वर्कर्स सहित कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, मनरेगा में 200  दिन काम और 600 रूपये दिहाड़ी, कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना की बहाली,  भारतीय न्याय संहिता में जनविरोधी प्रावधान खतम करने, मजदूर किसान आंदोलन पर दमन बंद करने की प्रमुख मांग हैं। इन मांग मुद्दों को भी आगामी विधान सभा चुनावों प्रमुख रूप से उठाया जाएगा।

इस मौके पर अखिल भारतीय किसान सभा ,सीटू हरियाणा ,बीकेयू एकता उग्रहा,पगड़ी संभाल जट्टा, किसान सभा अजय भवन, बीकेयू (टिकैत) , इंटक, बीकेयू घासी राम नैन, एटक, सर्व कर्मचारी संघ, भारतीय किसान संघर्ष समिति,राष्ट्रीय किसान मंच,हरियाणा किसान मंच,भारतीय किसान कामगार अधिकार मोर्चा,किसान महासभा , एआईकेकेएमएस ,देहाती मजदूर सभा,अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन, क्रांतिकारी किसान, यूनियन,एआईयूटीयूसी,अल्पसंख्यक कल्याण समाज, समेत दर्जनों संगठन शामिल रहे

जारीकर्ता
संयुक्त किसान मोर्चा
केंद्रीय मजदूर संगठन
हरियाणा
मोब.9467030208
9416517306