भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का राज्य सचिवमंडल देश भर में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए जेईई-एनईईटी परीक्षाओं के आयोजन को एकतरफा रूप से आगे बढ़ाने का कड़ा विरोध करती है।राज्य सचिव कामरेड सुरेंद्र सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा दुखदाई बात यह है कि केंद्र सरकार पूरे देश में इन परीक्षाओं को शारीरिक रूप से उपस्थित होकर आयोजित करने का संवेदनहीन फैसला ऐसे समय में कर रही है, जब कोविड-19 संक्रमण और उससे हुई मौतों संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। इन संस्थानों में छात्रों के भविष्य और उन पाठ्यक्रमों के लिए शैक्षणिक सत्र शुरू करने की चिंता जायज है और समझ में आती है। हालांकि, इस तरह के उपक्रम को करने के लिए वर्तमान स्थिति अनुकूल नहीं है। यह हमारे लगभग 10 लाख प्रतिभाशाली युवाओं की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को पूरी तरह से नजरअंदाज करने वाला फैसला है।सीपीआई (एम) का राज्य सचिव मंडल सरकार से आग्रह करता है कि परीक्षा को तब तक रोक कर रखा जाए जब तक कि संक्रमण के फैलने पर कुछ नियंत्रण न हो जाए। प्रवेश परीक्षाओं को ऐसे तरीके से पुनर्निर्धारित किया जाना चाहिए जिससे छात्रों का शैक्षणिक वर्ष खोने से बचाया जा सके।