प्रैस विज्ञप्ति दिनांक 25 जुलाई 2023

एयर होस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा पूर्व विधायक गोपाल कांडा को बरी करना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे परिवारों का हौंसला तोड़ने वाला है।

प्रेस बयान जारी करते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा कि गोपाल कांडा की एयरलाइंस में एयर होस्टेस रहीं गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने अशोक विहार स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। गीतिका ने सुसाइड नोट में इस कदम के लिए कांडा और उनकी कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका की आत्महत्या के करीब 6 महीने बाद गीतिका की मां ने भी आत्महत्या कर ली थी । उन्होंने भी अपनी मौत के लिए गोपाल कांडा को जिम्मेदार ठहराया था। परन्तु सत्ता के संरक्षण की वजह गोपाल कांडा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उस समय गोपाल कांडा को गिरफ्तार करवाने के लिए दर्जनों बार धरने प्रदर्शन किए, तब जाकर आरोपी गोपाल कांडा को गिरफ्तार किया गया व केवल 18 महीनों तक जेल में रहा। मार्च 2014 में जमानत मिल गई और अब 11 साल बाद गोपाल कांडा व अरूणा चड्ढा को राहत देते हुए बरी कर दिया गया।

माकपा नेताओं ने कहा कि माननीय न्यायालय का यह फैसला न्याय के लिए संघर्ष करने वाली महिलाओं व उनके परिवारों का हौसला तोड़ने वाला है। इससे पहले बिलकिस बानो मामले में भी अपराधियों को रिहा कर दिया गया। गुरमीत राम रहीम को भी पैरोल पर बार-बार छोड़ा जा रहा है। इस तरह के फैसलों से अपराधियों के हौसले बुलंद होते हैं तथा समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी होती है।

माकपा फैसले का कड़ा विरोध करती है। आने वाले दिनों में इसके खिलाफ रणनीति तय की जाएगी।